
About Us
About Our School
Saraswati Vidya Vihar Sr. Sec. School, Keshav Nagar, Damoh, Madhya Pradesh is a reputed educational institution dedicated to providing quality education to students. The school focuses on holistic development, offering a blend of academic excellence, extracurricular activities, and moral values. With an emphasis on character building. and skill development, the institution aims to nurture students into responsible and well-rounded individuals. It strives to create a positive learning environment that fosters creativity, critical thinking, and intellectual growth.
सारस्वती विद्या विहार सीनियर सेकेंडरी स्कूल, केशव नगर, दमोह, मध्य प्रदेश एक प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थान है जो छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए समर्पित है। यह विद्यालय समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करता है, जिसमें शैक्षिक उत्कृष्टता, अतिरिक्त पाठयक्रम गतिविधियाँ और नैतिक मूल्यों का समावेश है। चरित्र निर्माण और कौशल विकास पर जोर देते हुए, यह संस्था छात्रों को जिम्मेदार और सर्वांगीण व्यक्तित्व बनाने का लक्ष्य रखती है। यह एक सकारात्मक शिक्षण वातावरण बनाने की कोशिश करती है, जो रचनात्मकता, आलोचनात्मक सोच और बौद्धिक विकास को बढ़ावा देती है।
हमारा लक्ष्य
The development of such a national education system is required, through which a generation of youth can be created that is imbued with the principles of Hinduism and patriotism, fully developed in physical, vital, mental, intellectual, and spiritual aspects. This generation should be capable of successfully facing the present challenges of life, and should dedicate themselves to making the lives of their less fortunate brothers and sisters-living in villages, forests, hills, and slums free from social evils, exploitation, and injustice. In doing so, they will work towards making the nation’s life harmonious, prosperous, and cultured.
इस प्रकार की राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली का विकास करना है जिसके द्वारा ऐसी युवा पीढ़ी का निर्माण हो सके जो हिन्दुत्वनिष्ठ एवं राष्ट्रभक्ति से ओत प्रोत हो, शारीरिक, प्राणिक, मानसिक, बौद्धिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से पूर्ण विकसित हो तथा जो जीवन की वर्तमान चुनौतियों का सामना सफलतापूर्वक कर सके और उसका जीवन ग्रामों, वनों, गिरिकंदराओं एवं झुग्गी झोपड़ियों में निवास करने वाले दीन दुःखी, अभावग्रस्त अपने बान्धवों को सामाजिक कुरीतियों, शोषण एवं अन्याय से मुक्त कराकर राष्ट्र जीवन को समरस, सुसम्पन्न एवं सुसंस्कृत बनाने के लिए समर्पित हो
छात्र-प्रतिज्ञा
“भारतदेशः अस्माकं देशः अस्ति! वयं सर्वे भारतीयाः भ्रातरः भगिन्यः च स्मः! वयं स्वदेशं स्वजीवनात् अधिकं प्रेम्णामः! अस्य समृद्धेः विविधसंस्कृतेः च वयं गर्विताः स्मः! वयं तस्य योग्याः अधिकारिणः भवितुम् सर्वदा प्रयत्नशीलाः भविष्यामः! वयं सर्वदा स्वमातापितरौ, शिक्षकान्, मार्गदर्शकान् च सम्मानयिष्यामः, सर्वेषां सह विनयशीलं व्यवहारं करिष्यामः। वयं स्वदेशस्य देशवासिनां च प्रति निष्ठावान् स्थास्यामः इति प्रतिज्ञां कुर्मः! अस्माकं सुखं तेषां कल्याणे समृद्धौ च निहितम् अस्ति! जय हिन्द”
“भारत हमारा देश है! हम सब भारतवासी भाई- बहन है! हमें अपना देश प्राण से भी प्यारा है! इसकी समृद्धि और विविध संस्कृति पर हमें गर्व है! हम इसके सुयोग्य अधिकारी बनने का प्रयत्न सदा करते रहेंगे ! हम अपने माता पिता, शिक्षकों और गुरुजनों का सदा आदर करेंगे और सबके साथ शिष्टता का व्यवहार करेंगे! हम अपने देश और देशवासियों के प्रति वफादार रहने की प्रतिज्ञा करते हैं! उनके कल्याण और समृद्धि में ही हमारा सुख निहित है! जय हिन्द”